देहरादून/केदारनाथ: केदारनाथ धाम में विद्युत आपूर्ति और अधिक मजबूत बनाने के लिए उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) एक अत्याधुनिक 33/11 केवी बिजलीघर तैयार कर रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य केवल बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना नहीं है, बल्कि तीव्र और स्थिर विद्युत सेवा प्रदान करके धाम क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना भी है।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि नया बिजलीघर अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा और इसकी कुल क्षमता 2×5 मेगावाट होगी। इस बिजलीघर में उच्च क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर, उन्नत नियंत्रण प्रणाली और आधुनिक सुरक्षा उपकरण स्थापित किए जाएंगे। इससे न केवल विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि प्रतिकूल मौसम, प्राकृतिक आपदाओं या आपातकालीन परिस्थितियों में भी विद्युत बहाली में तेजी आएगी।
केदारनाथ धाम हर वर्ष देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं का आकर्षण केंद्र बनता है। सीजन के दौरान यहां बिजली की मांग काफी बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूपीसीएल यह आधुनिक बिजलीघर तैयार कर रहा है, ताकि तीव्र विद्युत मांग को भी बिना किसी व्यवधान के पूरा किया जा सके। परियोजना के पूरा होने के बाद धाम क्षेत्र में बिजली आपूर्ति अधिक स्थिर और निर्बाध होगी, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा।
एमडी अनिल कुमार ने कहा कि केदारनाथ धाम प्रदेश की धार्मिक आस्था का केंद्र है और इसके विकास में विद्युत सेवाओं का महत्व अत्यधिक है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यूपीसीएल प्रदेश के दुर्गम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों तक आधुनिक विद्युत सुविधाएं पहुँचाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना क्षेत्र की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और आपातकालीन परिस्थितियों में भी तेजी से बिजली बहाली सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
उक्त परियोजना के तहत स्थापित यह 33/11 केवी बिजलीघर आधुनिक तकनीकी मानकों के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इसमें उच्च क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर, उन्नत स्वचालित नियंत्रण प्रणाली और नवीन सुरक्षा उपकरण शामिल होंगे। यह धाम क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को अधिक विश्वसनीय बनाएगा और तीव्र मौसम परिवर्तनों, भारी बारिश या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी विद्युत सेवा को बाधित नहीं होने देगा।
यूपीसीएल की इस पहल से न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक और निर्बाध बिजली उपलब्ध होगी, बल्कि स्थानीय विकास और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती
मिलेगी।