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देहरादून में डेंगू को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने एक अहम फैसला लिया है। अब डेंगू की रोकथाम में मेहनत करने वाली आशा कार्यकर्ताओं को 1555 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन उन्हें मच्छर के लार्वा को नष्ट करने और डेंगू फैलने से रोकने के काम में मदद करने के लिए मिलेगा।

डेंगू रोकथाम के लिए प्रशासन की पहल

जिलाधिकारी ने साफ तौर पर कहा है कि डेंगू को रोकने के लिए मच्छरों के पनपने वाली जगहों को खत्म करना सबसे जरूरी है। इसके लिए पानी जमा होने वाली जगहों, नालों और नदियों की अच्छे से सफाई करनी होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 15 मई तक सभी नालों और नदियों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाए, ताकि डेंगू के मच्छरों को फैलने से रोका जा सके।

डेंगू मरीजों के लिए बेहतर इलाज

डेंगू के मरीजों की बेहतर जांच और इलाज के लिए दून मेडिकल कॉलेज को एक करोड़ रुपये की मदद दी गई है। इस रकम से कॉलेज में ब्लड सेपरेटर मशीन खरीदी जाएगी, जो मरीजों के खून की जांच में मदद करेगी और सही इलाज में सहायक होगी।

जांच दरें एक जैसी

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि डेंगू की जांच के लिए सभी अस्पतालों में जांच की दरें एक जैसी रहेंगी, ताकि मरीजों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। इस कदम से उम्मीद है कि डेंगू पर काबू पाने में मदद मिलेगी और आशा कार्यकर्ताओं को भी उनके काम का उचित सम्मान मिलेगा।

आगे की राह

– आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका: आशा कार्यकर्ताओं को डेंगू की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

– सामुदायिक भागीदारी: डेंगू को रोकने के लिए सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता होगी।

– स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार: डेंगू के मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार किया जाएगा।

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