Uttrakhand ;उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र, खासकर हल्द्वानी, नैनीताल और आसपास के इलाकों में बीते चार दिनों से जबरदस्त उमस और गर्मी का दौर जारी है। तेज धूप, चिपचिपी हवा और बढ़ता तापमान लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। हल्द्वानी में दिन में ही नहीं, बल्कि रात में भी गर्मी का असर देहरादून जैसे मैदानी क्षेत्रों से अधिक महसूस किया जा रहा है।
चार दिनों से लगातार परेशान कर रही उमस
हल्द्वानी में बीते चार दिनों से लोगों को तीखी धूप और अत्यधिक उमस का सामना करना पड़ रहा है। सुबह से ही सूरज की किरणें तपिश लेकर आती हैं, और दोपहर तक वातावरण पूरी तरह गर्म हो जाता है। स्थिति यह है कि लोग दोपहर के समय घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं। खासतौर पर बच्चे और बुजुर्ग इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशान नजर आ रहे हैं।
सोमवार को भी यही स्थिति बनी रही। सुबह हल्के बादलों के साथ दिन की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ा, आसमान पूरी तरह साफ हो गया और तेज धूप ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। शहर के विभिन्न हिस्सों में छाया ढूंढते लोग, गीले कपड़ों से मुंह ढांपे राहगीर और बार-बार पानी पीते व्यापारी इस बात की गवाही दे रहे थे कि गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।
तापमान में रिकॉर्ड तोड़ उछाल
मौसम विभाग के अनुसार, हल्द्वानी का अधिकतम तापमान सोमवार को बढ़कर 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि न्यूनतम तापमान भी 28.6 डिग्री दर्ज किया गया। यह आंकड़ा राजधानी देहरादून से भी अधिक रहा, जहां अधिकतम तापमान 38.7 और न्यूनतम 25.3 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे स्पष्ट है कि हल्द्वानी में रात की गर्मी भी देहरादून की तुलना में ज्यादा महसूस की जा रही है।
मुक्तेश्वर, जो आमतौर पर ठंडे मौसम के लिए जाना जाता है, वहां का तापमान भी दो डिग्री बढ़कर 26.2 डिग्री अधिकतम और 15.8 डिग्री न्यूनतम दर्ज किया गया। इससे यह संकेत मिलता है कि पहाड़ी क्षेत्रों में भी तापमान लगातार बढ़ रहा है और लोग गर्मी से राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
नैनीताल में भी गर्मी ने पकड़ी रफ्तार
पर्वतीय पर्यटन नगरी नैनीताल, जहां आमतौर पर मौसम ठंडा और सुहावना बना रहता है, वहां भी गर्मी ने दस्तक दे दी है। सोमवार को यहां अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सुबह के समय हल्के बादलों के कारण कुछ राहत महसूस हुई, लेकिन दोपहर बाद सूरज की तीव्र किरणों ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को पसीना-पसीना कर दिया।
जिला मौसम विज्ञान केंद्र प्रभारी नवीन धूसिया के अनुसार, यह तापमान औसत से अधिक है और आने वाले कुछ दिनों में इसके और बढ़ने की संभावना है। वहीं झील नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश गैड़ा ने जानकारी दी कि नैनी झील का जलस्तर पिछले साल की तुलना में इस समय एक इंच अधिक है, जो कि राहत की बात कही जा सकती है।
राहत की उम्मीद: प्री-मानसून और मानसून की दस्तक
गर्मी और उमस से जूझ रहे लोगों के लिए राहत की खबर यह है कि उत्तराखंड में जल्द ही मौसम करवट लेने वाला है। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. आर.के. सिंह के अनुसार, 11 जून की रात से मौसम में बदलाव आ सकता है। 12 जून से 14 जून तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्री-मानसून की बारिश होने की संभावना है।
डॉ. सिंह के मुताबिक, वर्तमान में नमी का स्तर 36 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और पूर्वी हवाएं सक्रिय हो चुकी हैं। यही कारण है कि तापमान में हल्की बढ़ोतरी के साथ उमस भी काफी बढ़ गई है। जैसे ही हवाओं की दिशा और दबाव बदलेंगे, बारिश की शुरुआत हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि 20 जून तक राज्य में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है।
क्या करें इस मौसम में?
गर्मी और उमस के इस दौर में स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। डॉक्टरों की सलाह है कि:
धूप में निकलते समय सिर को कपड़े से ढकें या टोपी पहनें।
अधिक से अधिक पानी पीएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।
भारी वसायुक्त भोजन से बचें, हल्का और पौष्टिक खाना लें।
बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को दोपहर के समय घर से बाहर न निकलने दें।
यदि किसी को चक्कर, सिरदर्द या अत्यधिक थकान महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें।
निष्कर्ष
हल्द्वानी, नैनीताल और आसपास के इलाकों में गर्मी ने इस साल अपेक्षा से जल्दी और तीव्रता से दस्तक दी है। हालांकि आने वाले दिनों में प्री-मानसून और मानसून की बारिश राहत लेकर आएगी, लेकिन तब तक सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। प्रकृति के इस रूप को समझते हुए हमें खुद को और अपने आसपास के लोगों
को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए।