उत्तराखंड के तीन जिलों में आगामी 24 घंटों के दौरान मौसम बिगड़ने का अनुमान है। मौसम विभाग ने इन जिलों में हिमस्खलन का खतरा जताया है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी किए गए पूर्वानुमान के अनुसार, आठ मार्च तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने की संभावना थी। हालांकि, अब चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में 2950 मीटर या उससे ऊंचे इलाकों में हिमस्खलन हो सकता है।

 

चंडीगढ़ स्थित रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीबीटीआईआर) ने इन तीन जिलों के लिए हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। इससे पहले चीन सीमा पर माणा के पास पिछले सप्ताह एक बड़ा हिमस्खलन हुआ था, जिसमें 55 मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इन मजदूरों में से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि 8 मजदूरों की मृत्यु हो गई थी। इस हादसे के बाद, माणा-माणा पास हाईवे के चौड़ीकरण और सुधारीकरण कार्य की गति धीमी हो गई है। पहले यह कार्य 2027 तक पूरा होने का अनुमान था, लेकिन इस घटना के बाद इसकी समयसीमा में और देरी हो सकती है।

 

**माणा क्षेत्र में बर्फबारी और प्रभावित कार्य**

 

माणा क्षेत्र में वर्तमान में दो से तीन फीट तक बर्फ जम चुकी है। यदि मौसम साफ रहता है, तो उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल के अंत तक इस क्षेत्र में बर्फ पिघल जाएगी। इसके बाद बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के द्वारा काम फिर से शुरू किया जा सकेगा। अब बीआरओ ने माणा और बदरीनाथ के बीच सुरक्षित स्थानों की पहचान शुरू कर दी है, ताकि मजदूरों के लिए नए कंटेनरों का इंतजाम किया जा सके। इससे पहले माणा पास इंट्री गेट के पास मजदूरों के ठहरने के लिए आठ कंटेनर और एक शेल्टर था, जो हिमस्खलन की चपेट में आकर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

 

माणा गांव-माणा पास हाईवे का चौड़ीकरण कार्य पिछले दो साल से चल रहा है। इस कार्य के लिए निजी ठेकेदारों को नियुक्त किया गया है, और यहां पर काम करने वाले मजदूर रात में इन कंटेनरों में ठहरते थे। अब हिमस्खलन के कारण इन मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था प्रभावित हो गई है, और जल्द ही सुरक्षित स्थानों पर नए कंटेनरों का इंतजाम किया जाएगा।

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