उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए दो व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। इन दोनों आरोपियों में से एक पूर्व में कांग्रेस से जुड़ा नेता बताया गया है, जिसे पार्टी ने पहले ही निष्कासित कर दिया था। महिला का आरोप है कि इन व्यक्तियों ने दोस्ती के नाम पर उसका विश्वास जीतकर न केवल अश्लील हरकतें कीं, बल्कि ब्लैकमेल और मानसिक उत्पीड़न का शिकार भी बनाया।
कांग्रेस से निष्कासित नेता पर गंभीर आरोप
महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि एक व्यक्ति, जिसका नाम जितेंद्र चौधरी है, खुद को कांग्रेस नेता बताकर उसके संपर्क में आया। पहले तो उसने दोस्ती का ढोंग किया और फिर धीरे-धीरे विश्वास में लेकर उसे अश्लील मैसेज और वीडियो भेजने शुरू कर दिए। यह सिलसिला 15 मई से लेकर 17 जून 2025 तक चला। इस दौरान आरोपी ने महिला को 90 से अधिक अश्लील वीडियो भेजे और कई बार फोन पर भी आपत्तिजनक बातें कीं।
महिला के विरोध करने के बावजूद आरोपी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और उसे डराने-धमकाने लगा। महिला का कहना है कि जब उसने इन हरकतों का विरोध किया तो आरोपी ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। जितेंद्र ने धमकी दी कि यदि उसने पैसे नहीं दिए तो वह उसकी निजी तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा।
सोशल मीडिया पर वायरल किए अश्लील वीडियो
महिला ने बताया कि जब उसने पैसे देने से मना कर दिया, तो आरोपी ने इंस्टाग्राम पर एक फर्जी अकाउंट बनाकर उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो साझा कर दीं। यह घटना उसके लिए मानसिक और सामाजिक रूप से बेहद कष्टदायक साबित हुई। महिला का आरोप है कि यह सब एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया, ताकि उसे बदनाम किया जा सके और मानसिक रूप से कमजोर बनाया जा सके।
दूसरे आरोपी पर भी गंभीर आरोप
इस मामले में केवल एक ही व्यक्ति नहीं, बल्कि एक अन्य आरोपी भी सामने आया है। रायपुर क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने एक अन्य व्यक्ति संदीप सिंह के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई है। संदीप उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के निजामपुर सिकंदराबाद का निवासी बताया गया है। महिला का आरोप है कि उसकी संदीप से पिछले चार वर्षों से जान-पहचान थी, लेकिन हाल ही में संदीप ने भी पैसों की मांग करनी शुरू कर दी।
जब महिला ने पैसे देने से इनकार किया, तो संदीप ने भी सोशल मीडिया का दुरुपयोग करते हुए उसकी निजी तस्वीरों और वीडियो को फर्जी पहचान के सहारे सार्वजनिक कर दिया। महिला के अनुसार, संदीप का व्यवहार अचानक बदल गया था और वह मानसिक प्रताड़ना देने लगा था।
पुलिस ने की कार्रवाई, जांच जारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए देहरादून पुलिस ने तत्काल कदम उठाए। पटेलनगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान सिंह अधिकारी और रायपुर थानाध्यक्ष गिरीश नेगी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों अलग-अलग स्थानों पर मामले दर्ज कर लिए गए हैं। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है और जल्द ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक पक्ष: पार्टी से निष्कासन
महिला की शिकायत आने के पहले ही कांग्रेस पार्टी ने जितेंद्र चौधरी को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह ऐसे किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं करती जो किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो। पार्टी सूत्रों के अनुसार, जितेंद्र के खिलाफ पहले भी कुछ अनुशासनात्मक शिकायतें मिल चुकी थीं, जिनके बाद उसे निष्कासित किया गया था।
साइबर क्राइम का बढ़ता खतरा
यह मामला न केवल व्यक्तिगत आचरण से जुड़ा है, बल्कि यह साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं की ओर भी इशारा करता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग और फर्जी पहचान बनाकर लोगों को ब्लैकमेल करने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। खासतौर पर महिलाओं को इन माध्यमों से टारगेट करना एक आम प्रवृत्ति बनती जा रही है।
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों स्तरों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए मौजूदा उपाय कितने प्रभावी हैं। साइबर अपराधियों द्वारा की जा रही ऐसी हरकतें महिलाओं के आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य को गहरी चोट पहुंचाती हैं।
निष्कर्ष
देहरादून की यह घटना सिर्फ एक महिला से जुड़ी कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज में मौजूद उस गंभीर समस्या की झलक है जो महिलाओं के खिलाफ साइबर स्पेस में अपराधों के रूप में उभर रही है। पुलिस की जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को जल्द ही
कानून के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।