Uttarakhand Dehradun : उत्तराखंड की शांत और हरी-भरी राजधानी देहरादून में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। देहरादून के पटेलनगर थाना क्षेत्र में एक युवती के साथ दुष्कर्म और निर्मम मारपीट की वारदात ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। यह वारदात लगभग पांच दिन पहले की है, लेकिन इसकी जानकारी अब सार्वजनिक हुई है, जब पीड़िता की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पीड़िता की मां के अनुसार, यह दर्दनाक घटना 3 जुलाई की रात की है। उस रात घर में सब सो रहे थे, तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। नींद से जागी युवती ने किरायेदार समझकर दरवाजा खोला। लेकिन जैसे ही उसने दरवाजा खोला, सामने खड़ा युवक जबरन अंदर घुस आया। वह कोई और नहीं, बल्कि उसी मोहल्ले का युवक था, जिसका नाम अनस बताया जा रहा है।
घर में घुसते ही आरोपी ने युवती का मुंह दबा दिया ताकि वह शोर न मचा सके। इसके बाद उसने युवती के कपड़े फाड़े और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। युवती ने विरोध किया और खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन आरोपी ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। मारपीट इतनी हिंसक थी कि युवती बुरी तरह घायल हो गई। जैसे ही पीड़िता ने चीखने की कोशिश की, आरोपी और अधिक हिंसक हो गया। उसका मकसद साफ था—किसी भी तरह से उसे चुप कराना।
शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। भीड़ इकट्ठा होती देख आरोपी मौके से फरार हो गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत गंभीर हालत में घायल युवती को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। युवती की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।
इस पूरे मामले की जानकारी पीड़िता की मां ने पटेलनगर कोतवाली में दी। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामला गंभीरता से लिया और आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। कोतवाली प्रभारी के अनुसार, आरोपी अनस के खिलाफ दुष्कर्म, जानलेवा हमला और जबरन घर में घुसने जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस टीम लगातार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। सूत्रों के अनुसार, आरोपी फरार है लेकिन उसे जल्द पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें अलग-अलग स्थानों पर तैनात की गई हैं। स्थानीय लोगों से पूछताछ भी की जा रही है ताकि आरोपी की लोकेशन का सुराग मिल सके।
यह घटना न केवल देहरादून बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए एक झकझोर देने वाली चेतावनी है। एक सुरक्षित समझे जाने वाले शहर में ऐसी वारदातें यह बताती हैं कि समाज के भीतर छुपे दरिंदों को पहचानना और समय रहते उन पर कार्रवाई करना कितना जरूरी है।
इस मामले में चिंता की बात यह है कि आरोपी मोहल्ले का ही युवक था, जो शायद पहले से ही परिवार को जानता था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या हम अपने आस-पास के लोगों पर भी अब भरोसा नहीं कर सकते?
पीड़िता की मां का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी बेटी के साथ ऐसा कुछ होगा। वह बार-बार यही सवाल कर रही हैं कि आखिर उनकी बेटी की क्या गलती थी? केवल दरवाजा खोलना? क्या अब घर में रहते हुए भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं?
इस घटना ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। खासकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कानून और व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस प्रशासन का कहना है कि वह आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर मामले में सख्त कार्रवाई करेगा, लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम पहले से नहीं उठाए जाने चाहिए?
समाजसेवियों और महिला संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और प्रशासन से मांग की है कि पीड़िता को जल्द न्याय दिलाया जाए और आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
वहीं दूसरी ओर, लोगों की नाराज़गी इस बात को लेकर भी है कि ऐसी घटनाएं होने के बाद ही पुलिस हरकत में आती है। यदि मोहल्ले में संदिग्ध गतिविधियों पर पहले से नज़र रखी जाती, तो शायद इस वारदात को रोका जा सकता था।
इस पूरे घटनाक्रम ने देहरादून की शांत छवि को गहरा धक्का पहुंचाया है। लोग अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि आरोपी कब तक कानून की पकड़ में आता है और क्या पीड़िता को जल्द न्याय मिल पाता है या यह भी उन हजारों मामलों में शामिल हो जाएगा जहां न्याय की राहें लंबी और थकाऊ होती हैं।