facts about almora: अल्मोड़ा उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत जिलों में से एक है.ये न सिर्फ उत्तराखंड का एक खूबसूरत जिला है बल्कि संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को लेकर भी देश दुनिया में मशहूर है. इसलिए आज हम आपको अल्मोड़ा के बारे में कुछ 5 बेहतरीन फैक्ट्स बताएंगें।
facts about almora :
1- अल्मोड़ा का पुराना नाम।
अल्मोड़ा शहर को प्राचीन समय में आलम नगर के रूप से जाना जाता था.बताया जाता है की इसे आलम नगर के अलावा राजाओं का नगर भी कहा जाता था.अल्मोड़ा शहर की आकृति भी अपने आप में विशेष है.अगर पूरे अल्मोड़ा के आकर को देखा जाएं तो ये घोड़े के खुर के सामान है.आपको बतादें की अल्मोड़ा शहर का पौराणिक महत्त्व भी है.पौराणिक कथाओं में बताया गया है की मां कौशिका देवी ने जिस स्थान पर शुम्भ निःशुम्भ नामक राक्षशों का वध किया था वो स्थान भी अल्मोड़ा में ही स्थित है.
2-अल्मोड़ा का इतिहास।
क्या आप जानते है कुछ साल पहले तक अल्मोड़ा जिला आकर में काफी बड़ा हुआ करता था. अभी के समय में जो पिथौरागढ़ जिला और बागेश्वर जिला अलग जिले के रूप में हमारे समक्ष है पहले वो भी अल्मोड़ा जिले के अंदर ही आते थे. पिथौरागढ़ जिला साल 1960 में अल्मोड़ा से अलग हो गया था जबकि बागेश्वर जिला साल 1997 में अल्मोड़ा से अलग हुआ था.
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3- सिमलीखेत गांव
क्या आप जानते है अल्मोड़ा जिले में स्थित सिमलीखेत गांव अल्मोड़ा और चमोली जिले को अलग जिलों के रूप में बांटता है.इसे आप अल्मोड़ा और चमोली जिले के बीच की सीमा रेखा भी कह सकते है. सिमलीखेत के लोगों के एक खासियत ये भी है की इस गांव के लोग उत्तराखंड में बोली जाने वाली दो प्रमुख भाषाएं कुमाउनी और गढ़वाली दोनों बोल लेते है.
4- अल्मोड़ा पहले था नैनीताल का हिस्सा।
साल 1891 तक अल्मोड़ा जिला भी नैनताल जिले में शामिल था.साल 1891 में अल्मोड़ा जिले को नैनीताल जिले से अलग कर दिया गया.तब अल्मोड़ा जिले में पिथौरागढ़ और बागेश्वर भी शामिल थे.अल्मोड़ा के बारे में एक रोचक बात ये भी है की अल्मोड़ा जिला उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा जिला है जहां चांदी पायी जाती है.
5- बाल मिठाई का इतिहास।
अल्मोड़ा के प्रशिद्ध व्यजनों की जब बात आती है तो उसमें बाल मिठाई का नाम सबसे उप्पर आता है. कुछ लोग ये भी कहते है की अल्मोड़ा शहर यहां की बाल और यहां की पटाल यानि की सीढ़ी के लिए ही प्रसिद्ध है.लेकिन क्या आप जानते है अल्मोड़ा में बाल मिठाई पहुंची कहां से थी.बताया जाता है की बाल मिठाई को अल्मोड़ा नेपाली लोग लेकर आये. कई जानकारों का मानना है की नेपाली लोग बाल मिठाई को अल्मोड़ा 7वीं से 8वीं शताब्दी में लेकर आये थे.
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6-अल्मोड़ा और विवेकानंद
अल्मोड़ा जिले के प्रमुख आकर्षणों की अगर बात होती है तो उसमें कसार देवी मंदिर का नाम जरूर आता है. कसार देवी मंदिर में न सिर्फ भारत से बल्कि विदेशों से भी जमकर पर्यटक आते है. न सिर्फ पर्यटक बल्कि वैज्ञानिकों का भी कसार देवी मंदिर में चुंबकीय क्षेत्र के कारण से खासा जुड़ाव रहता है.कहा जाता है की कसार देवी मंदिर में स्वामी विवेकानंद ने भी ध्यान लगाया था.वो साल 1890 में यहां आये थे. अल्मोड़ा से महज 22 किलोमीटर दूरी पर स्थित काकड़ीघाट में उन्हें विशेष ज्ञान की भी प्राप्ति हुई थी.
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अल्मोड़ा कैसे पहुंचे ( How to reach almora )
सांस्कृतिक और उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत नगरी में से एक अल्मोड़ा पर्यटकों के बीच भी काफी प्रसिद्ध है। बड़ी तादाद में पर्यटक न सिर्फ अल्मोड़ा, बल्कि अल्मोड़ा के आसपास के इलाकों में अभी घूमने के लिए आते हैं। कई लोग यहां मंदिरों में ध्यान लगाने के लिए आते हैं, तो कई लोग जंगलों में एकांत में कुछ पल बिताने के लिए आते हैं, तो वहीं कई लोग एडवेंचर ट्रैकिंग जैसे कार्यों को करने और कुछ सुकून के पल बिताने के लिए अल्मोड़ा पहुंचते है। अगर आप भी अल्मोड़ा आना चाहते है तो आज हम आपको बताएंगें आप की आप किन किन रास्तों से अल्मोड़ा आ सकते है।
हल्द्वानी वाया अल्मोड़ा
अल्मोड़ा पहुंचने के लिए आपको सड़क परिवहन का सहारा लेना पड़ेगा अगर आप विमान से यात्रा करते हैं तो आप निकटतम या तो पिथौरागढ़ हवाई अड्डे पर उतर सकते हैं या फिर पंतनगर हवाई अड्डे पर वहां से आपको सड़क परिवहन का सहारा लेना पड़ेगा। अगर आप पंतनगर उतरते हैं तो आपको पंतनगर से पहले हल्द्वानी आना होगा और हल्द्वानी से आप almora आ सकते हैं। हल्द्वानी से अल्मोड़ा की दूरी 89.3 किलोमीटर है,इस सफर को तय करने में आपको लगभग 3 घंटे का समय लगेगा। इसके लिए आप एनएच 109 यानी कि भवाली भीमताल हल्द्वानी रोड का सहारा ले सकते हैं।
पिथौरागढ़ तो अल्मोड़ा
कई लोग जो विमान से यात्रा करते हैं वह पिथौरागढ़ उतरना भी पसंद करते हैं, क्योंकि पिथौरागढ़ के पर्यटक स्थलों में और वहां की वादियों में भी एक अलग ही सुकून है। लेकिन अगर आप पिथौरागढ़ से अल्मोड़ा आना चाहते हैं, तो आप सड़क मार्ग का सहारा लेते हुए अल्मोड़ा पहुंच सकते हैं। पिथौरागढ़ से अल्मोड़ा की दूरी लगभग 115 किलोमीटर है जिसे तय करने में आपको लगभग 4 घंटे का समय लगेगा।
अगर आप गढ़वाल से अल्मोड़ा आ रहे है। तो आप सीधे पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग होते हुए भी अल्मोड़ा पहुंच सकते हैं यह दोनों जिले अल्मोड़ा की सीमा से लगे हुए हैं आप बागेश्वर होते हुए भी अल्मोड़ा पहुंच सकते हैं।
Almora तक पहुंचने का एकमात्र तरीका सड़क परिवहन नहीं है. क्योंकि अगर आप रेल यात्रा भी कर रहे हैं तो भी आप अधिकतम हल्द्वानी तक आ सकते हैं क्या काठगोदाम तक आ सकते हैं वहां से आपको सड़क परिवहन का ही सहारा लेना पड़ेगा।
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