कोविड की नई लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क, सात एक्टिव केस, चार अस्पताल में भर्ती

 

उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामलों में इज़ाफा देखने को मिला है। हाल ही में राज्य में कोरोना संक्रमण का एक नया मामला सामने आया है, जिससे प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 56 हो गई है। हालांकि राहत की बात यह है कि इनमें से ज़्यादातर मरीज अब ठीक हो चुके हैं, और वर्तमान में सिर्फ सात मामले ही सक्रिय (Active Cases) हैं।

 

स्वास्थ्य विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, सक्रिय मरीजों में से चार की हालत को देखते हुए उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जबकि तीन मरीज होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे हैं। डॉक्टरों की एक टीम इन मरीजों की लगातार निगरानी कर रही है, और सभी की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

 

सतर्क हुआ स्वास्थ्य महकमा

 

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। सभी जिलों को अलर्ट जारी किया गया है और जिला अस्पतालों को आवश्यक संसाधनों के साथ तैयार रहने को कहा गया है। प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टरों की टीमें तैयार हैं और कोविड से संबंधित आवश्यक दवाइयों, PPE किट्स, ऑक्सीजन सिलेंडरों और टेस्टिंग किट्स का स्टॉक चेक किया जा रहा है।

 

कोविड टेस्टिंग फिर से तेज

 

राज्य सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे कोविड टेस्टिंग में तेजी लाएं। अब हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और प्रमुख बस अड्डों पर रैंडम सैंपलिंग की जा रही है। साथ ही, बुखार, सर्दी-खांसी और सांस की दिक्कत जैसे लक्षणों वाले मरीजों की विशेष रूप से जांच की जा रही है। सरकारी अस्पतालों में RTPCR और एंटीजन टेस्ट मुफ्त में किए जा रहे हैं ताकि संक्रमण को समय रहते पहचाना जा सके।

 

लोगों से एहतियात बरतने की अपील

 

स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे कोविड से जुड़ी गाइडलाइंस का पालन करें। मास्क का इस्तेमाल, हाथों की नियमित सफाई और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचाव को एक बार फिर ज़रूरी बताया गया है। अधिकारियों का कहना है कि भले ही मामले कम हैं, लेकिन लापरवाही से स्थिति बिगड़ सकती है।

 

राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने कहा, “हम अब भी कोविड से बाहर पूरी तरह नहीं निकले हैं। नए वेरिएंट्स की संभावना बनी हुई है और ऐसे में एहतियात ही सबसे बड़ा हथियार है। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों को सावधान रहने की ज़रूरत है।”

 

वैक्सीनेशन की स्थिति

 

उत्तराखंड में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान पिछले सालों में काफी सफल रहा है। अधिकतर लोगों को दोनों डोज़ लग चुकी हैं, और बूस्टर डोज़ (एहतियाती खुराक) भी दी गई है। हालांकि, अब विभाग एक बार फिर से बूस्टर डोज़ के लिए कैंप लगाने की योजना बना रहा है, ताकि इम्युनिटी को और मज़बूत किया जा सके।

 

ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को कोविड से संबंधित जागरूकता देने के साथ-साथ टीकाकरण की स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं। मोबाइल टीमें भी दोबारा सक्रिय की गई हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को समय रहते सुरक्षा मिल सके।

 

कोविड की नई लहर की आशंका?

 

देशभर में कुछ राज्यों में कोविड मामलों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि कहीं यह एक नई लहर की शुरुआत तो नहीं? हालांकि अभी तक किसी नए वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम परिवर्तन और लापरवाही के चलते मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।

 

उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में जहां गर्मियों में पर्यटकों की भारी आवाजाही होती है, वहां संक्रमण फैलने का खतरा अधिक हो सकता है। इसलिए प्रदेश सरकार ने पर्यटन स्थलों पर भी कोविड नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

 

निष्कर्ष

 

फिलहाल उत्तराखंड में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां और लोगों की जागरूकता ही इस बीमारी को दोबारा फैलने से रोक सकती हैं। पिछले अनुभवों से यह स्पष्ट है कि समय रहते सावधानी बरतना ही संक्रमण की चेन को तोड़ने का सबसे कारगर तरीका है।

 

सरकार और चिकित्सा संस्थान पूरी तरह मुस्तैद हैं, लेकिन आम जनता का सहयोग ही निर्णायक होगा। इसलिए, चाहे स्थिति कितनी भी सामान्य क्यों न लगे, कोविड गाइडलाइंस का पालन करते रहना सभी के हित में है।

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