रुद्रप्रयाग ज़िले के धोलतीर क्षेत्र में गुरुवार सुबह एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी। रुद्रप्रयाग-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक यात्री वाहन, टेंपो ट्रैवलर, अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गया और सीधे अलकनंदा नदी में जा समाया। इस हादसे के समय वाहन में कुल 18 यात्री सवार थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना इतनी भयावह थी कि वाहन टकराने के बाद कुछ यात्री खिड़कियों और दरवाजों से बाहर गिर गए और तेज बहाव में बह गए। अनुमान लगाया जा रहा है कि 5 से 6 लोग सीधे नदी में जा गिरे। हादसे के बाद चारों ओर अफरा-तफरी मच गई और यात्रियों की चीख-पुकार से इलाका गूंज उठा।
जैसे ही प्रशासन को हादसे की जानकारी मिली, मौके पर पुलिस, स्थानीय प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें त्वरित गति से पहुंचीं और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। अब तक कुल 7 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं एक यात्री का शव भी बरामद किया गया है। शेष 11 यात्री अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
SDRF की टीमें रस्सियों और मोटर बोट की मदद से अलकनंदा नदी के तेज बहाव में लोगों को तलाशने में जुटी हुई हैं। वहीं स्थानीय ग्रामीण भी प्रशासन की मदद कर रहे हैं और नदी के किनारे-किनारे लापता लोगों को ढूंढ रहे हैं। बचाव कार्य में ड्रोन कैमरे और गोताखोरों की मदद भी ली जा रही है।
प्रशासन के अनुसार, यह टेंपो ट्रैवलर एक पर्यटक समूह को लेकर जा रही थी, जो बदरीनाथ दर्शन के लिए निकले थे। बताया जा रहा है कि वाहन ड्राइवर ने एक तीव्र मोड़ पर नियंत्रण खो दिया, जिससे यह हादसा हुआ। हालांकि, दुर्घटना के सही कारणों की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। वाहन की तकनीकी जांच के साथ-साथ ड्राइवर के अनुभव और रूट की स्थिति को भी जांचा जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इस क्षेत्र में सड़कें संकरी और खतरनाक हैं, और उचित साइनबोर्ड या सुरक्षा रेलिंग का अभाव है, जिससे अक्सर हादसे होते हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस मार्ग पर सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाए और नियमित जांच की जाए।
जिलाधिकारी ने घटनास्थल का दौरा कर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की और घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
हादसे से पूरे क्षेत्र में गमगीन माहौल है। मृतक यात्री के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गई है। प्रशासन ने मुआवजे और सहायता की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही लापता लोगों की सूची तैयार कर उन्हें ढूंढने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
यह हादसा एक बार फिर उत्तराखंड की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और पर्वतीय मार्गों की चुनौतियों को सामने लाता है। जहां एक ओर यह मार्ग धार्मिक आस्था से जुड़ा है, वहीं दूसरी ओर बार-बार होने वाले हादसे यात्रियों की जान जोखिम में डालते हैं। स्थानीय नागरिकों और प्रशासन दोनों के सहयोग से ही इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
फिलहाल, प्रशासन का पूरा ध्यान लापता यात्रियों की तलाश और बचाए गए लोगों के स्वास्थ्य पर है। घटनास्थल पर बचाव कार्य लगातार जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही लापता यात्रियों का कु
छ सुराग मिल पाएगा।