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उत्तराखंड में चल रहे राष्ट्रीय खेलों में एक बड़ा खुलासा हुआ है। 11 खिलाड़ियों के डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से अधिकतर ने पदक जीते थे। इनमें से 6 खिलाड़ी पंजाब के हैं और बाकी अलग-अलग राज्यों से हैं।

डोप टेस्ट में खुलासा

नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने इन खिलाड़ियों के सैंपल जांचे, जिसमें प्रतिबंधित ड्रग्स पाए गए। इसके बाद इन खिलाड़ियों को खेलों से बाहर कर दिया गया है और उनके मेडल भी जब्त किए जा सकते हैं।

खेल विशेषज्ञों की राय

खेल विशेषज्ञों का कहना है कि खिलाड़ियों पर जीत का दबाव उन्हें शॉर्टकट अपनाने पर मजबूर करता है, जिससे न सिर्फ उनका करियर खतरे में पड़ता है, बल्कि देश की खेलों में साख भी गिरती है।

आगे की कार्रवाई

अब इन खिलाड़ियों पर बैन लगाया जा सकता है और कुछ मामलों में कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इस घटना से खेल संघों की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर खिलाड़ियों को सही तरीके से गाइड क्यों नहीं किया जाता और डोपिंग जैसे मामलों पर पहले से नजर क्यों नहीं रखी जाती।

पारदर्शिता की आवश्यकता

यह मामला दिखाता है कि खेलों में पारदर्शिता और ईमानदारी को बनाए रखने के लिए और कड़े कदम उठाने की ज़रूरत है। खेल संघों को खिलाड़ियों को जागरूक करने और डोपिंग के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे।

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