उत्तराखंड सरकार राज्य में हवाई संपर्क को मजबूत बनाने पर लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में जल्द ही देहरादून से पंतनगर के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू होने जा रही है। इस सेवा की शुरुआत से यात्रियों को जहां सड़क मार्ग से करीब साढ़े पाँच घंटे की लंबी यात्रा करनी पड़ती थी, वहीं अब मात्र 40–50 मिनट में पंतनगर पहुँचना संभव होगा।
किराया और योजना
मिली जानकारी के अनुसार, इस उड़ान का किराया लगभग 5 से 6 हजार रुपये होगा और इसे केंद्र सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (UDAN) के तहत चलाया जाएगा।
मौजूदा हवाई सेवाएं
फिलहाल राज्य में पिथौरागढ़-Delhi, देहरादून-नैनीसैनी और पिथौरागढ़-पंतनगर के बीच हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं। लेकिन देहरादून से पंतनगर की सीधी उड़ान उपलब्ध नहीं थी, जिसके कारण यात्रियों को अतिरिक्त रूट लेना पड़ता था।
परियोजना और लागत
इस नई सेवा के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास परिषद ने योजना तैयार की है। प्रोजेक्ट पर करीब 20 करोड़ रुपये की लागत आएगी और सेवा शुरू करने के लिए जल्द ही कंपनी का चयन किया जाएगा।
हवाई सेवाओं का महत्व
आपदा के समय उत्तराखंड में हवाई सेवाएं राहत और बचाव कार्यों में बड़ी भूमिका निभाती हैं। प्रदेश में इस समय 3 हवाई सेवाएं और 20 हेली सेवाएं सक्रिय हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में और अधिक रूट हवाई और हेली सेवाओं से जोड़े जाएं।
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दिशा में कदम
सरकार जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर विकसित करने की योजना पर भी काम कर रही है। पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य जारी है।
हेली सेवाएं और हेलीपैड
वर्तमान में सहस्रधारा, श्रीनगर, गौचर, जोशियाड़ा, चिन्यालीसौड़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी और मुनस्यारी से नियमित हेली सेवाएं चल रही हैं। इसके अलावा, राज्य में 100 से ज्यादा हेलीपैड बनाए गए हैं, जिन्हें आमतौर पर स्कूलों के मैदानों और खाली जगहों पर विकसित किया गया है। आपदा राहत कार्यों में
इनका अहम उपयोग होता है।