केदारनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए पशुपालन विभाग ने घोड़ा-खच्चरों के लिए क्वारंटीन सेंटर स्थापित किए हैं। कोटमा और फाटा में स्थापित इन केंद्रों में बीमार जानवरों का इलाज विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की निगरानी में किया जाएगा।

क्वारंटीन सेंटर की व्यवस्था

– कोटमा और फाटा में क्वारंटीन सेंटर: दोनों स्थानों पर 30-30 जानवरों को रखने की व्यवस्था की गई है।

– विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम: विभागीय स्तर पर सात सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम तैयार की गई है।

घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण

– हॉर्ष फ्लू और ग्लैंडर्स बीमारी की जांच*l: पंजीकरण शिविरों में पहुंच रहे जानवरों का हॉर्ष फ्लू और ग्लैंडर्स बीमारी की जांच के लिए खून का सैंपल लिया जा रहा है।

– निगेटिव होने पर पंजीकरण: निगेटिव होने पर ही घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया जा रहा है।

केदारनाथ यात्रा के दौरान व्यवस्था

– बीमार जानवरों को क्वारंटीन करना: यात्रा के दौरान अगर घोड़ा-खच्चर बीमार होते हैं तो उन्हें तत्काल क्वारंटीन किया जाएगा, जिससे अन्य जानवर संक्रमण की चपेट में न आएं।

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