देहरादून/बलरामपुर – उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से शुरू हुई एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट की जांच अब उत्तराखंड तक जा पहुंची है। इस मामले में यूपी एटीएस ने हाल ही में देहरादून में कार्रवाई करते हुए दो लोगों से पूछताछ की, जिनमें से एक को हिरासत में लेकर यूपी ले जाया गया है। इस रैकेट में मनी लॉन्ड्रिंग और संगठित धर्मांतरण की गतिविधियों की भी आशंका जताई जा रही है।
मामले का मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा पिछले 15 वर्षों से एक संगठित नेटवर्क के जरिये बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करवा रहा था। बताया जा रहा है कि उसका संबंध कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी गैंग से भी रहा है और उसने जमीन कब्जे व अवैध संपत्ति कारोबार में भी हाथ आजमाया।
सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा को विदेशों से फंडिंग मिल रही थी, जिसका इस्तेमाल वह धर्मांतरण, जमीन खरीद और आलीशान भवनों के निर्माण में कर रहा था। बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में उसने कथित तौर पर एक सिंधी परिवार का धर्मांतरण करवाकर उनके नाम पर कोठी भी तैयार करवाई।
जांच के दौरान एटीएस को देहरादून में इस गिरोह के तार जुड़े नजर आए। इसी सिलसिले में सहसपुर और डोईवाला क्षेत्रों में छापेमारी की गई। यहां से अब्दुल रहमान नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया, जिसे बाद में पूछताछ के लिए यूपी ले जाया गया। एक अन्य युवती से भी पूछताछ की गई, जो डोईवाला क्षेत्र की रहने वाली बताई जा रही है।
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने पुष्टि की कि यूपी एटीएस एक गंभीर केस की जांच कर रही है और उत्तराखंड पुलिस पूर्ण सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में आगे और जानकारियां सामने आती हैं, तो कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस पूरे रैकेट से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो
सकते हैं।