देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू होने के बाद विवाह, विवाह विच्छेद, लिव-इन रिलेशनशिप और उत्तराधिकार से जुड़े नियमों का पालन अनिवार्य होगा। शुक्रवार को राज्य सरकार ने इस कानून की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिस पर कैबिनेट चर्चा के बाद मुहर लगाएगी। 

यूसीसी के उल्लंघन पर सख्त सजा का प्रावधान है। अगर कोई व्यक्ति गलत या झूठी सूचना प्रदान करता है, तो उसे 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना और 6 महीने से 3.5 साल तक की सजा हो सकती है।

1. झूठी सूचना पर भारी जुर्माना

यूसीसी के लागू होने पर विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप या अन्य संबंधित सूचनाओं में गलत जानकारी देने पर 50 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा और 6 महीने से 3 साल तक की सजा हो सकती है।

2. विवाह पंजीकरण अनिवार्य

समान नागरिक संहिता के तहत सभी विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। जो विवाह पहले से हुए हैं, उन्हें भी 6 महीने के भीतर पंजीकृत करना होगा। ऐसा न करने पर दंड का प्रावधान है।

 3. लिव-इन रिलेशनशिप में पंजीकरण की अनिवार्यता

लिव-इन रिलेशनशिप में भी पंजीकरण आवश्यक होगा। पंजीकरण न कराने पर 3 महीने की सजा या 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

 4. एक से अधिक पत्नी रखना अपराध

समान नागरिक संहिता के तहत एक से अधिक पत्नी रखना अपराध की श्रेणी में आएगा। ऐसे मामलों में 3 साल की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

 5. विवाह विच्छेद के नियम

तलाक के मामलों में यूसीसी के तहत स्पष्ट नियम बनाए गए हैं। अगर तलाक के दौरान झूठी जानकारी दी जाती है तो इसके लिए भी सजा का प्रावधान है।

 6. महिला सशक्तीकरण

यूसीसी का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके अधिकारों की सुरक्षा करना है। यह कानून मातृशक्ति को विशेष सुरक्षा प्रदान करेगा।

7. संपत्ति विवादों में समानता

उत्तराधिकार और संपत्ति विवादों में भी समान नागरिक संहिता के तहत सभी को एक समान अधिकार मिलेगा।

 8. झूठी सूचना देने पर सजा

विवाह पंजीकरण, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और अन्य मामलों में गलत जानकारी देने पर 3 महीने तक की जेल या 25 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।

 9. पंजीकरण में लापरवाही पर भी सजा

अगर पंजीकरण में कोई भी अधिकारी लापरवाही बरतता है, तो उस पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

10. झूठी सूचना पर अपराध की श्रेणी में 

विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़ी गलत जानकारी देने पर 6 महीने की जेल या 25 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।

 11. महिला सुरक्षा और न्याय

इस कानून के तहत महिलाओं को न्याय और सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी। विशेष रूप से विवाह और तलाक के मामलों में महिलाओं को विशेष अधिकार दिए जाएंगे।

 12. अदालत का निर्णय

अदालत में इस कानून के तहत जो भी मामले आएंगे, उनके लिए स्पष्ट नियम और दंड का प्रावधान होगा, ताकि कोई भी व्यक्ति कानून से बच न सके।

13. राज्य का पहला यूसीसी कानून

उत्तराखंड, समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है और धार्मिक व जातीय भेदभाव को समाप्त करने में मदद करेगा। 

निष्कर्ष

समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करना है, चाहे उनकी जाति, धर्म या लिंग कुछ भी हो। उत्तराखंड में यह कानून लागू होने के बाद राज्य की मातृशक्ति को विशेष सुरक्षा और सम्मान मिलेगा।

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