उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों और शहीदों के परिवारों को सम्मानित करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने देहरादून के कचहरी स्थित शहीद स्थल पर राज्य आंदोलनकारी शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पुलिस लाइन में आयोजित “राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह” में उन्होंने राज्य निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों के परिजनों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का गठन केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं, बल्कि देवभूमि के असंख्य लोगों के त्याग, बलिदान और संघर्ष का परिणाम है। उन्होंने कहा कि खटीमा, मसूरी और रामपुर तिराहा जैसी घटनाएं उत्तराखंड आंदोलन के इतिहास में सदैव अमर रहेंगी। उन्होंने राज्य के ज्ञात-अज्ञात शहीदों को नमन करते हुए कहा कि राज्य सरकार हमेशा आंदोलनकारियों के सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देती रही है और आगे भी देती रहेगी।
कचहरी परिसर और पुलिस लाइन देहरादून में इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान में हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनकारियों को दी जा रही पेंशन और अन्य सुविधाएं केवल सहायता नहीं, बल्कि राज्य की कृतज्ञता का प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री धामी की प्रमुख घोषणाएं:
शहीदों के नाम पर नामकरण: शहीद राज्य आंदोलनकारियों के नाम पर उनके क्षेत्र की प्रमुख सार्वजनिक संस्थाओं और सुविधाओं का नामकरण किया जाएगा।
पेंशन वृद्धि (जेल गए या घायल आंदोलनकारी): राज्य आंदोलन के दौरान 7 दिन या उससे अधिक जेल जाने वाले अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों की मासिक पेंशन ₹6,000 से बढ़ाकर ₹7,000 की जाएगी।
अन्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोतरी: जेल गए या घायल श्रेणी से इतर आंदोलनकारियों की मासिक पेंशन ₹4,500 से बढ़ाकर ₹5,500 की जाएगी।
विकलांग आंदोलनकारियों के लिए राहत: आंदोलन के दौरान विकलांग होकर पूर्णतः शय्याग्रस्त हुए आंदोलनकारियों की पेंशन ₹20,000 से बढ़ाकर ₹30,000 प्रतिमाह की जाएगी। साथ ही, उनकी देखभाल के लिए मेडिकल अटेंडेंट की व्यवस्था भी की जाएगी।
शहीदों के आश्रितों की पेंशन: राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों के आश्रितों की मासिक पेंशन ₹3,000 से बढ़ाकर ₹5,500 की जाएगी।
लंबित आवेदनों का निस्तारण: वर्ष 2021 तक जिलाधिकारी कार्यालयों में लंबित चिन्हीकरण आवेदन पत्रों के निस्तारण के लिए 6 माह का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
शहीद स्मारकों का सौंदर्यीकरण: राज्य के सभी शहीद स्मारकों का सौंदर्यीकरण और रखरखाव कराया जाएगा।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि जिन वीरों के बलिदान से उत्तराखंड अस्तित्व में आया, उनके सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।






