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Uttarakhand  : उत्तराखंड में एक बार फिर से मौसम की बेरुख़ी ने आम जनजीवन और तीर्थ यात्रियों के सफर को बुरी तरह प्रभावित किया है। केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों की ओर जाने वाले मार्गों पर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने यात्रा को लगभग ठप कर दिया है। रविवार रात से शुरू हुई तेज़ बारिश अब तक जारी है, जिसके कारण कई स्थानों पर सड़क मार्ग बंद हो चुके हैं और हजारों श्रद्धालु रास्तों में फंसे हुए हैं।

 

केदारनाथ यात्रा पर बड़ा असर

 

सबसे अधिक प्रभाव केदारनाथ यात्रा पर पड़ा है। रुद्रप्रयाग जिले में मुनकटिया के पास भारी मात्रा में चट्टानें और मलबा गिरने के कारण केदारनाथ मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। स्थिति इतनी गंभीर है कि सोनप्रयाग में यात्रियों को रोकना पड़ा है। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, विशेषकर अलकनंदा और मंदाकिनी नदियाँ उफान पर हैं, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।

 

रुद्रप्रयाग का संगम स्थल, जहां अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का मिलन होता है, वहां का निचला इलाका पूरी तरह जलमग्न हो गया है। तेज बारिश के कारण बोल्डर गिरने की घटनाएं भी बढ़ गई हैं, जिससे रास्ते पर चलना जोखिमभरा हो गया है।

 

बद्रीनाथ मार्ग भी जोखिम में

 

केदारनाथ के साथ-साथ बद्रीनाथ यात्रा मार्ग भी गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। सिरोबगड़ क्षेत्र, जो पहले से ही लैंडस्लाइड के लिए कुख्यात है, वहां पर फिर से भूस्खलन शुरू हो गया है। इस क्षेत्र में यात्रा करना यात्रियों के लिए बेहद जोखिम भरा हो गया है।

 

हर साल बारिश के मौसम में सिरोबगड़ पहाड़ी से मलबा गिरता है, लेकिन अभी तक इसका स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। इस बार भी कई गाड़ियां इस क्षेत्र में फंसी हुई हैं और यात्रियों को सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है।

 

रास्तों में फंसे यात्री, प्रशासन अलर्ट पर

 

तेज़ बारिश के कारण कई जगहों पर सड़कें कीचड़ और चट्टानों से ढक गई हैं, जिससे मार्ग बंद हैं। विशेष रूप से सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच की सड़क पूरी तरह बाधित हो गई है। इस क्षेत्र में भारी पत्थर, कीचड़ और मलबा लगातार नीचे गिर रहा है, जिससे रास्ता साफ करना कठिन हो रहा है।

 

प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ की ओर जाने वाले सभी यात्रियों को फिलहाल आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी है। एनएच विभाग की टीमें जेसीबी और मशीनों की सहायता से मलबा हटाने के कार्य में जुटी हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण काम में रुकावट आ रही है।

 

मौसम विभाग की चेतावनी

 

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी वर्षा और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। विभाग ने पर्वतीय क्षेत्रों में अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी है और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।

 

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन लगातार हालात पर नज़र बनाए हुए हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है। स्थानीय पुलिस और बचाव दल चौबीसों घंटे अलर्ट पर हैं।

 

प्रशासन की अपील

 

उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने सभी यात्रियों और स्थानीय निवासियों से मौसम की जानकारी पर नज़र रखने और किसी भी स्थिति में प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। यात्रियों से कहा गया है कि वे अनावश्यक रूप से जोखिम उठाकर यात्रा न करें और जब तक मौसम सामान्य न हो, यात्रा टाल दें।

 

साथ ही होटल मालिकों, धर्मशालाओं और अन्य स्थानीय सेवाओं को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे यात्रियों को सुरक्षित आश्रय दें और आपात स्थिति में प्रशासन को तत्काल सूचना दें।

 

 

 

निष्कर्ष

 

उत्तराखंड में हर साल मानसून के दौरान भूस्खलन और बारिश के कारण तीर्थ यात्रा में बाधाएं आती हैं, लेकिन इस बार की स्थिति अधिक गंभीर बनी हुई है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना ज़रूरी है। केदारनाथ और बद्रीनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को फिलहाल धैर्य रखने और प्रशासनिक सलाहों का पालन करने की आवश्यकता है।

 

प्रकृति का यह असंतुलन हमें बार-बार याद दिलाता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में सतर्कता, योजना और पर्याव

रण के संतुलन को बनाना कितना आवश्यक है।

 

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