उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। आयोग ने एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) के अधिकारियों के साथ बैठक कर तय किया है कि प्रदेश की पंचायतों की मतदाता सूची इसी सप्ताह आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल ने जानकारी दी कि इस संबंध में एनआईसी के साथ विस्तृत चर्चा की गई है और आगामी दो से तीन दिनों के भीतर मतदाता सूची पोर्टल पर अपलोड कर दी जाएगी। इससे ग्रामीण मतदाता आसानी से अपने नाम सूची में देख सकेंगे और मतदान से पहले किसी भी त्रुटि को लेकर सजग हो सकेंगे।

इस बार आयोग ने विशेष अभियान चलाकर हर पंचायत में मतदाता सूची पहुंचाई, जिससे ग्रामीण अपने नाम की पुष्टि कर सकें। प्रदेशभर में मतदाता सूची के संशोधन के लिए विशेष मुहिम भी चलाई गई, ताकि कोई भी पात्र नागरिक वोट देने के अधिकार से वंचित न रह जाए।

इसी बीच आयोग ने राज्य के नौ जिलों में बैलेट पेपर छपवाकर भेज भी दिए हैं। हरिद्वार को छोड़कर बाकी तीन जिलों के लिए यह प्रक्रिया अभी प्रगति पर है। हरिद्वार में इस बार पंचायत चुनाव नहीं होंगे।

ओबीसी आरक्षण पर सरकार लाएगी अध्यादेश

पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण लागू करने को लेकर सरकार एक्ट में संशोधन करने की तैयारी में है। इसके लिए पंचायती राज विभाग अध्यादेश लाने जा रहा है। इसका प्रस्ताव शासन स्तर पर तैयार किया जा रहा है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। अध्यादेश जारी होने के पश्चात, एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पंचायतों में ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा।

राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग दोनों ही चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, समावेशी और तकनीकी रूप से आधुनिक बनाने की दिशा में सक्रिय नजर आ रहे हैं।

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