हल्दूचौड़ क्षेत्र के ग्राम देवरामपुर में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन को लेकर हुई एक बैठक में विवाद इतना बढ़ गया कि ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। इस घटना से क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। गनीमत रही कि फायरिंग में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन फायरिंग करने वाले आरोपियों को पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

देवरामपुर के प्राइमरी स्कूल में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन को लेकर पूर्ति निरीक्षक मोहित कठायत की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी। इस दौरान दुकान को दो हिस्सों में बांटने के मुद्दे पर राजू पांडे और मोहित जोशी ने पूर्ति निरीक्षक से बहस शुरू कर दी। जब पूर्व सैनिक कैलाश चंद्र बिरखानी ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया, तो दोनों उनसे भी उलझ पड़े। देखते ही देखते गालीगलौज और मारपीट की नौबत आ गई, जिसके बाद पूर्ति निरीक्षक ने बैठक को समाप्त कर दिया और वहां से चले गए।

दिनदहाड़े फायरिंग की घटना

कैलाश चंद्र ने बताया कि जब वह अपनी दुकान के सामने खड़े थे, तभी मोहित जोशी, राजू पांडे, कार्तिक रजवार, सतीश सनवाल, विजय जोशी और दो अन्य युवक तीन कारों में वहां पहुंचे और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद आरोपियों ने पथराव किया और फिर कई राउंड फायरिंग कर दी। घटना से गांव में दहशत फैल गई, लेकिन सौभाग्य से किसी को गोली नहीं लगी।

 

पुलिस की त्वरित कार्यवाही

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और फायरिंग करने वाले आरोपियों का पीछा कर छह लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस ने उनके वाहन भी जब्त कर लिए हैं। मामले को लेकर पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीओ नितिन लोहनी ने बताया कि इस घटना की गहनता से जांच की जा रही है और दोषियों को कानून के अनुसार सजा दिलाने की प्रक्रिया जारी है।

निष्कर्ष

हल्दूचौड़ की इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई से मामले को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया, लेकिन इस तरह की घटनाएं समाज में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा करती हैं।

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